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Tuesday, April 28, 2020

शिक्षा में तकनीकी प्रभाव


आधुनिकता के दौर में आज कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जो कि टेक्नोलॉजी से अछूता हो। 1947 के बाद, भारत में  अन्य क्षेत्रों की तरह शिक्षा के क्षेत्र में भी कई बड़े बदलाव आए हैं ; जिसका प्रभाव आज हम देश के नामी संस्थानों में भी देख सकते हैं। बड़े-बड़े संस्थानों में भी आज तकनीकी छेत्र में डिप्लोमा, डिग्री और कई ऐसे कोर्स करवाये जा रहे हैं जिनमें टेक्नॉलॉजी का प्रयोग करने की शिक्षा दी जाती है।
भारत तकनीकी विज्ञान को सही दिशा में जाते हुए देख रहा है और तकनीकी रूप से सुदृढ़ भारत की परिकल्पना भी कर रहा है। वर्तमान भारत की शिक्षा प्रणाली में आरंभिक शिक्षा के बिल्कुल नये आयाम दिखाई दे रहे हैं, जिसका मुख्य कारण भारतीय शिक्षा मैं विज्ञान एवं नवीनतम तकनीक का प्रयोग है।
भारत में तकनीकी शिक्षा ने आज शिक्षा का रूप ना केवल विद्यालयों में ही बदला है बल्कि, इसका प्रभाव हमारे देश के रोजगार के क्षेत्र में भी दिखाई जान पड़ता है। आधुनिक भारत के लिए उसके सपने को साकार करने का तकनीक एक बेहतर ज़रिया है।इस हकीकत को देखते हुए भारतीय शिक्षा प्रणाली में सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी  ( Information and Communication Technology, ICT)  एक   व्यापक   क्षेत्र   है , जिसका प्रभाव आज भारत में आईटी जैसे बड़े सेक्टरों में सामने आ रहा है और शिक्षा का एक नया स्वरूप दिख रहा है।



1. कम्प्यूटर   हार्डवेयर   प्रौद्योगिकी  इसके   अन्तर्गत   माइक्रो-कम्प्यूटर ,सर्वर ,बड़े  मेनफ्रेम  कम्प्यूटर के साथ - साथ   इनपुट ,आउटपुट एवं संग्रह करने वाली युक्तियाँ आती हैं।

2. कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी इसके अंतर्गत ऑपरेटिंग   सिस्टम वेब ब्राउजर डाटाबेस प्रबन्धन प्रणाली ( DBMS)सर्वर   तथा व्यापारिक ,वाणिज्यिक सॉफ्टवेयर आते हैं।

3. दूरसंचार व नेटवर्क प्रौद्योगिकी इसके अन्तर्गत दूरसंचार के   माध्यम,प्रोसेसर तथा इंटरनेट से जुड़ने के लिये तार या बेतार पर   आधारित सॉफ्टवेयर,नेटवर्क सुरक्षा ,सूचना का कूटन  ( क्रिप्टोग्राफी आदि हैं।
4. मानव संसाधन तंत्र प्रशासक( System Administrator),  नेटवर्क प्रशासक ( Network Administrator),आदि।
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी की महत्ता निम्नलिखित   है -

1. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ,सेवा अर्थतंत्र ( Service Economy)का आधार है।

2. पिछड़े देशों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये   सूचना प्रौद्योगिकी एक उपयुक्त तकनीक है।

3. गरीब जनता को सूचना -सम्पन्न बनाकर ही निर्धनता का   उन्मूलन किया जा सकता है।

4. सूचना-संपन्नता से सशक्तिकरण होता है।

5. सूचना तकनीकी ,प्रशासन और सरकार में पारदर्शिता लाती   है , इससे भ्रष्टाचार को कम करने में सहायता मिलती है।

6. सूचना तकनीक का प्रयोग योजना बनाने ,नीति निर्धारण तथा   निर्णय लेने में होता है।

7. यह नये रोजगारों का सृजन करती है।

भारत ने प्रौद्योगिक क्षेत्र को शिक्षा में मिलाकर एक ऐसे स्तर पर खड़ा कर दिया है ,कि आज प्रारंभिक शिक्षा से लेकर उच्चस्तरीय शिक्षा में प्रौद्योगिकी के प्रयोग से शिक्षा को बड़े से बड़े देशों के मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया है।
निष्कर्ष
शिक्षा के क्षेत्र में टेक्नोलॉजी ने अपने पांव बहुत मजबूती से जमा लिए हैं ,जिसके बिना शिक्षा का क्षेत्र अधूरा है ,और ना केवल शिक्षा में तकनीकी शिक्षा को पढ़ाया जा रहा है, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी में इसको प्रयोग भी किया जा रहा है ।आज ईमेल, रेडियो, टीवी ,वीडियो जैसे टेक्नोलॉजी को अपने जीवन में उतार लिया है , हालांकि इसका गलत प्रभाव भी हमें देखने को मिलता है ,पर यह कितना सही है ,और कितना गलत इस बात का निर्णय व्यक्ति खुद इसका प्रयोग करके निश्चित करता है।

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